यूँ ही...

चंद लम्हों की बातों में जैसे सारी ज़िंदगी सिमट गई,
न था इन्कार, न इकरार खुशी कुछ यूं असर कर गई।
दिल ने दिल से जो की बात, वो तो बहाना था,
साथ मिल जाए दो पल और क्या पाना था ।।

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